तेलंगाना विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र से राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण कराने का आग्रह किया
जोहेब प्रशांत
- 04 Feb 2025, 11:35 PM
- Updated: 11:35 PM
हैदराबाद, चार फरवरी (भाषा) तेलंगाना विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से राज्य सरकार की तर्ज पर पारिवारिक जातीय व सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रस्ताव पेश करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पिछड़े वर्गों, एससी और एसटी और अन्य वंचित वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र को विभिन्न जातियों की स्थिति को समझने के लिए देश भर में ऐसा सर्वेक्षण कराना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष जी. प्रसाद कुमार ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित होने की घोषणा की।
सदन द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि चार फरवरी का दिन तेलंगाना सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
जाति सर्वेक्षण और एससी वर्गीकरण को लेकर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान, रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर एक बयान दिया।
उन्होंने दो दिन पहले राज्य के मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी द्वारा साझा किए गए सर्वेक्षण के विवरण को रेखांकित किया।
रेड्डी ने कहा कि कानून के अनुसार पिछड़े वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता है, क्योंकि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत है।
रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगी।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस ने स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का वादा किया था।
एआईएमआईएम के सदन के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के इस दावे पर कि जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की गई और केवल मुख्यमंत्री का बयान सदस्यों के साथ साझा किया गया है तो रेवंत रेड्डी ने कहा कि रिपोर्ट चार खंड में है और चौथे खंड को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा से संबंधित है।
बीआरएस ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव के साथ विधानसभा से बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस पिछड़े वर्गों को धोखा दे रही है क्योंकि जाति सर्वेक्षण में पिछड़ा वर्ग (बीसी) आबादी में गिरावट देखी जा रही है।
भाजपा के पी. शंकर ने संकेत दिया कि जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट में ‘मुस्लिम बीसी’ के बारे में जानकारी दी गई है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि यह कानूनी कसौटी पर खरा नहीं उतर पाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने सर्वेक्षण के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा के दौरान सदन को सूचित किया कि कांग्रेस संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के माध्यम से केंद्र पर सर्वेक्षण कराने के लिए दबाव बनाएगी।
रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस के आश्वासन के अनुसार एक साल के अंदर सर्वेक्षण कराया गया है।
राज्य में किए गए जातिगत सर्वेक्षण को चर्चा के लिए विधानसभा में पेश करने से पहले इस पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार सुबह राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई।
जातिगत सर्वेक्षण करने वाले राज्य नियोजन विभाग ने दो फरवरी को नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की उप-समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
जाति सर्वेक्षण के अनुसार, मुस्लिम अल्पसंख्यकों को छोड़कर, पिछड़ा वर्ग सबसे बड़ा समूह है। तेलंगाना की कुल 3.70 करोड़ आबादी में 46.25 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग के लोग हैं।
पिछड़ा वर्ग के बाद अनुसूचित जातियों की 17.43 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों की 10.45 प्रतिशत, मुसलमानों के पिछड़े वर्ग की 10.08 प्रतिशत, अन्य जातियों की 13.31 प्रतिशत और मुसलमानों की अन्य जातियों की 2.48 प्रतिशत आबादी है।
भाषा
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