सेबी ने खुदरा निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा दी, नियामकीय ढांचा भी तैयार
प्रेम अजय
- 04 Feb 2025, 07:28 PM
- Updated: 07:28 PM
(फाइल तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को खुदरा निवेशकों को ‘एल्गो ट्रेडिंग’ का हिस्सा बनने की सुविधा दे दी जिससे उन्हें सौदों के त्वरित निपटान और बेहतर तरलता के लाभ मिल पाएंगे।
फिलहाल केवल संस्थागत निवेशकों को ही एल्गो ट्रेडिंग में निवेश करने की अनुमति है।
‘एल्गो ट्रेडिंग’ शेयर कारोबार का ऐसा तरीका है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये कुछ मानदंड निर्धारित कर शेयर खरीद एवं बिक्री के ऑर्डर दिए जाते हैं। पूर्व-निर्धारित शर्तें पूरी होने पर ऑर्डर बहुत तेजी से जारी किए जा सकते हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने परिपत्र में कहा कि खुदरा निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग करने की सुविधा एक अगस्त से मिलने लगेगी।
इसके साथ ही सेबी ने खुदरा निवेशकों को एल्गो सुविधाओं का लाभ अपेक्षित सुरक्षा उपायों के साथ उठाने देने के लिए एक नियामकीय ढांचा भी तैयार किया है। यह ढांचा निवेशक, ब्रोकर, एल्गो प्रदाताओं/ विक्रेताओं और बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) जैसे हितधारकों के अधिकारों एवं दायित्वों को स्पष्ट करता है।
इस नियामकीय ढांचे के तहत, खुदरा निवेशकों को केवल पंजीकृत ब्रोकर से ही स्वीकृत एल्गो तक पहुंच मिलेगी ताकि इन निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखा जा सके।
सेबी ने कहा कि शेयर ब्रोकर प्रत्यक एल्गो के लिए शेयर बाजार से अपेक्षित अनुमति लेने के बाद ही एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा दे सकेंगे।
नियामक ने कहा, ‘‘सभी एल्गो ऑर्डर को शेयर बाजार द्वारा दिए गए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के साथ संबद्ध किया जाएगा और ब्रोकर को स्वीकृत एल्गो में किसी भी संशोधन या बदलाव के लिए एक्सचेंज से मंजूरी लेनी होगी।’’
एल्गो ट्रेडिंग से संबंधित निवेशकों की शिकायतों को संभालने और प्रतिबंधित गतिविधियों के लिए शेयर ब्रोकर पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। इसके साथ ही एल्गो ऑर्डर की सुविधा देने वाले किसी भी एल्गो प्रदाता को एक्सचेंज के साथ सूचीबद्ध भी होना होगा।
वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) कारोबार संबंधी सेबी के पिछले अध्ययन से पता चला है कि वित्त वर्ष 2023-24 में एफपीआई मुनाफे का लगभग 97 प्रतिशत और मालिकाना कारोबारी लाभ का 96 प्रतिशत एल्गो ट्रेडिंग से पैदा हुआ था।
सेबी ने कहा कि शेयर बाजार एल्गो ट्रेडिंग की निगरानी करने और यह जांचने के लिए जिम्मेदार होंगे कि ब्रोकर एल्गो और गैर-एल्गो ऑर्डर के बीच अंतर करने की क्षमता रखते हैं।
शेयर बाजार एल्गो ट्रेडिंग की निगरानी के लिए जिम्मेदार बने रहेंगे जबकि एल्गो के परीक्षण के लिए एक व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू करेंगे।
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