अमृतसर में मंदिर के बाहर विस्फोट की घटना का संदिग्ध पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया
खारी मनीषा
- 17 Mar 2025, 02:19 PM
- Updated: 02:19 PM
चंडीगढ़, 17 मार्च (भाषा) अमृतसर में मंदिर के बाहर विस्फोट की घटना का एक संदिग्ध पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि एक अन्य संदिग्ध फरार हो गया जिसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अमृतसर में 15 मार्च को ठाकुरद्वार मंदिर के बाहर विस्फोट होने से मंदिर की दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था और खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। एक व्यक्ति को विस्फोटक उपकरण मंदिर की ओर फेंकते देखा गया था।
पुलिस ने बताया कि घटना में मारे गए संदिग्ध की पहचान बल गांव निवासी गुरसिदक सिंह के रूप में हुई है, जबकि दूसरे संदिग्ध की पहचान राजासांसी निवासी विशाल के रूप में हुई है।
अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार संदिग्धों को जब पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया तो उन्होंने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चला दीं।
भुल्लर ने बताया कि एक गोली हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह के बाएं हाथ में लगी, जबकि एक गोली इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी में लगी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पुलिस टीम पर पांच राउंड गोलीबारी की, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गुरसिदक सिंह घायल हो गया और बाद में उसने दम तोड़ दिया, जबकि विशाल भाग गया। उन्होंने बताया कि विशाल को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
गुरसिदक सिंह छीनाझपटी के दो मामलों में संलिप्त था और हाल ही में जेल से रिहा हुआ था। विशाल पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है।
पंजाब पुलिस के प्रमुख गौरव यादव ने कहा कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए अमृतसर पुलिस ने मंदिर पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया है।
इससे पहले, पुलिस महानिदेशक यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पुलिस टीम ने राजा सांसी में संदिग्धों का पता लगाया। आरोपियों की तरफ से की गई गोलीबारी में हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह घायल हो गए।’’
यादव ने कहा, ‘‘आत्मरक्षा के लिए कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने जवाबी गोलीबारी की जिसमें एक आरोपी घायल हो गया। उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई। अन्य आरोपी भाग गया और उसे गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।’’
घटना के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर मंदिर की ओर आते दिखाई दिए। कुछ सेकंड रुकने के बाद उनमें से एक को मंदिर की ओर विस्फोटक उपकरण फेंकते देखा गया और बाद में दोनों घटनास्थल से भाग गए।
पंजाब पुलिस ने उस समय कहा था कि उसे मंदिर पर हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) की भूमिका होने का संदेह है।
हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन विस्फोट से अमृतसर के खंडवाला इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई।
भाषा खारी