असम कांग्रेस प्रवक्ता रीतम सिंह सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार
देवेंद्र रंजन
- 15 Mar 2025, 08:45 PM
- Updated: 08:45 PM
गुवाहाटी/उत्तर लखीमपुर, 15 मार्च (भाषा) कांग्रेस की असम इकाई के प्रवक्ता रीतम सिंह को शनिवार को उस सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें उन्होंने दो वर्तमान विधायकों समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी।
सिंह को गुवाहाटी पुलिस की सहायता से लखीमपुर जिला पुलिस की एक टीम ने गुवाहाटी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया।
लखीमपुर के पुलिस अधीक्षक मिहिरजीत गायन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भाजपा विधायक मनाब डेका की पत्नी द्वारा दो दिन पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट को लेकर की गई शिकायत के बाद सिंह को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें कानून की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें अब लखीमपुर लाया जा रहा है।’’
सिंह ने 13 मार्च को ‘एक्स’ पर उस खबर के साथ पोस्ट की थी जिसमें 2021 में धेमाजी जिले में बलात्कार के एक मामले में अदालत द्वारा तीन व्यक्तियों को दोषी ठहराए का जिक्र था।
कांग्रेस नेता ने अपनी पोस्ट में पूछा था, ‘‘इन दोषियों को वह सजा मिली जिसके वे हकदार थे। लेकिन असम भाजपा ने मनाब डेका, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष भाबेश कालिता, पूर्व मंत्री राजेन गोहेन जैसे मंत्रियों और विधायकों पर क्या आरोप लगाया है। क्या कानून सबके लिए समान है।’’
इस वर्ष जनवरी तक असम भाजपा के अध्यक्ष रहे कालिता विधायक हैं, जबकि गोहेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्रीय रेल राज्य मंत्री थे।
कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी के दौरान उलुबारी इलाके में आरोपी के अपार्टमेंट में काफी नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। सिंह ने शुरू में दावा किया कि उन्हें कोई वारंट या नोटिस नहीं दिया गया था।
कुछ घंटों बाद, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई सिंह के घर पहुंचे और आरोप लगाया कि उनके सहयोगी के साथ ऐसी कार्रवाई उस दिन हुई, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में थे।
गोगोई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लखीमपुर पुलिस की एक टीम कांग्रेस प्रवक्ता रीतम सिंह को हिरासत में लेने के लिए गुवाहाटी आई है। जब मैं उनके आवास पर गया तो मैंने देखा कि कैसे उन्हें बेरहमी से घसीटा गया और मुझसे बात नहीं करने दी गई।’’
गोलाघाट जिले में लचित बरफुकन पुलिस अकादमी के शाह के आधिकारिक दौरे का जिक्र करते हुए सांसद ने पूछा कि क्या केंद्रीय गृह मंत्री को मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के तहत ‘‘पुलिस के दुरुपयोग’’ के बारे में पता है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या गृह मंत्री अमित शाह को पता है कि भाजपा के ‘गुंडों’ ने कुछ दिन पहले दिनदहाड़े असम के दो कांस्टेबल की बेरहमी से पिटाई की थी और अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।’’
गोगोई ने दावा किया कि मुख्यमंत्री कथित तौर पर राज्य पुलिस को अवैध गतिविधियों को अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो कानून और उच्च न्यायालय के साथ टकराव है।
इससे पहले, सिंह ने अपने घर के बाहर पुलिसकर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी की कुछ तस्वीरें ‘एक्स’ पर साझा की थीं और दावा किया था कि वे बिना किसी वारंट और नोटिस के उन्हें गिरफ्तार करने आए थे।
उन्होंने कहा था, ‘‘मैंने उन्हें हाल में गुवाहाटी उच्च न्यायालय का फैसला दिखाया, जिसमें पुलिस के लिए नोटिस देना अनिवार्य कर दिया गया है। मैं एक वकील हूं और मैं किसी भी जांच का अनुपालन करूंगा। लेकिन अगर पुलिस बिना गिरफ्तारी या वारंट के केवल हिमंत विश्व शर्मा के निर्देश पर यहां आती है, तो मैं उनके साथ नहीं जाऊंगा।’’
सिंह ने यह भी कहा कि बिना वारंट या नोटिस के उनकी गिरफ्तारी न्यायमूर्ति मृदुल कुमार कालिता द्वारा सात मार्च को साकिब चौधरी बनाम असम राज्य मामले में दिए गए फैसले की अवमानना होगी।
भाषा
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