किसानों के मंडियों में आवक घटाने से सोयाबीन तेल-तिलहन में सुधार
राजेश राजेश अजय
- 06 Nov 2025, 08:01 PM
- Updated: 08:01 PM
नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कमजोर हाजिर दाम होने के कारण किसानों द्वारा मंडियों में अपनी आवक कम लाने के कारण स्थानीय बाजार में बृहस्पतिवार को सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। इसके अलावा सटोरिया गतिविधियों की वजह से सरसों तेल-तिलहन के दाम भी मजबूत रहे। जाड़े में कमजोर मांग के कारण कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल गिरावट के साथ बंद हुए। सुस्त कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के दाम स्थिर बने रहे।
शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में सुधार का रुख है। शिकॉगो एक्सचेंज कल रात लगभग एक प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था।
सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन का एमएसपी 5,328 रुपये क्विंटल है। लेकिन महाराष्ट्र के हाजिर बाजार का दाम एमएसपी से 15-16 प्रतिशत नीचे है जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन का हाजिर दाम एमएसपी से 20-22 प्रतिशत नीचे है। हाजिर दाम कम रहने तथा महाराष्ट्र सरकार के एमएसपी पर खरीद करने के पहले दिये आश्वासन की वजह से किसान मंडियों में सोयाबीन की आवक घटा रहे हैं। इस वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में सुधार आया। दूसरी ओर, सटोरियों के कारण सरसों तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार आया।
उन्होंने कहा कि जाड़े में पाम-पामोलीन तेल में जम जाने का गुण होता है जिसकी वजह से इसकी मांग प्रभावित रहती है। जाड़े की मांग घटने से पाम-पामोलीन तेल कीमतें गिरावट के साथ बंद हुई।
सुस्त एवं नीरस कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि तेल समीक्षकों को फिलहाल सरसों के बारे में अपनी ऊर्जा व्यर्थ नहीं करनी चाहिये क्योंकि सरसों के दाम एमएसपी से कहीं अधिक हैं और इससे किसानों को लाभ भी मिला है। दरअसल, समीक्षकों की चिंता सोयाबीन, मूंगफली, कपास, सूरजमुखी जैसे फसल की होनी चाहिये थी जिनके हाजिर दाम एमएसपी से काफी नीचे हैं। उनकी चिंता आयातकों द्वारा सोयाबीन डीगम जैसे तेल को लागत से नीचे बेचने को लेकर होनी चाहिये कि घाटे का कारोबार कब तक चलता रहेगा और इससे जो बैंकों और किसानों को नुकसान हो रहा है, उन्हें इस नुकसान से कैसे बचाया जाये।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 7,025-7,075 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 5,900-6,275 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,050 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,465-2,565 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,465-2,600 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,380 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,550-4,600 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,250-4,350 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश