गाजा के ‘पुनर्निर्माण’ की विकृत शहरी योजना
शोभना नरेश
- 06 Nov 2025, 02:56 PM
- Updated: 02:56 PM
(मार्को क्रेमास्की, साइंसेज पीओ)
पेरिस, छह नवंबर (द कन्वरसेशन) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान से ही उनके दामाद जेरेड कुशनर ने सऊदी अरब और कतर के प्रमुख व्यवसायियों के साथ कारोबारी रिश्ते बनाए थे।
इन व्यक्तियों ने उनकी एक रियल एस्टेट कंपनी को मैनहट्टन में वित्तीय सहायता प्रदान की थी और संभवतः इसे दिवालियापन से बचाया था और इस तरह से एक प्रकार से उन्होंने उस कंपनी को सहयोग दिया जिसे उन्होंने (कुशनर ने) अपने ससुर के प्रशासन से इस्तीफा देने के बाद स्थापित किया था।
कुशनर अब अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और वह केवल एक व्यवसायी हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति के रिश्तेदार भी। पश्चिम एशिया में अमेरिका के विशेष दूत, रियल एस्टेट निवेशक स्टीव विटकॉफ के साथ उनकी राजनयिक भूमिका पूरी तरह से अनौपचारिक है और स्वाभाविक रूप से वह अपनी व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित किसी भी हितों के टकराव के लिए जवाबदेह नहीं हैं।
इस कूटनीतिक और व्यापारिक नेटवर्क के बीच का पूरा संलेपन एक राजनैतिक-आर्थिक उलझाव को दर्शाता है, जिसकी तर्कशक्ति गाजा परियोजना के केंद्र में है। कुशनर ने इस योजना को लंबे समय पहले निर्धारित कर दिया था: गाजा का समुद्रतट एक ‘रियल एस्टेट’ अवसर को प्रस्तुत करता है। हालांकि इसके निवासियों को कहीं और स्थानांतरित करना होगा, उदाहरण के लिए नेगेव रेगिस्तान कहीं।
इस पर चर्चा करने के लिए ट्रंप ने अगस्त 2025 के अंत में व्हाइट हाउस में विटकॉफ़, कुशनर और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को बुलाया था। कुछ विश्लेषकों के अनुसार इस योजना को ‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ ने विकसित किया, जिसे बाद में वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित किया गया।
‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ के प्रमुख है जॉनी मूर।
इसे एक परिष्कृत तकनीकी अभ्यास के रूप में पेश किया गया है, और यह योजना प्रस्तावित शांति समझौते के मसौदे में भी उद्धृत की गई है।
यह दस्तावेज़ लगभग 40 स्लाइड्स में बना हुआ है, जो आंकड़ों से भरपूर है लेकिन इसमें चित्रों की कमी है। इसका उद्देश्य पुनर्निर्माण की ‘संभावना’ को प्रदर्शित करना है लेकिन इसमें गाजा के निवासियों की मानवीय त्रासदी और राजनीतिक आयाम को नजरअंदाज किया गया है। इसका एकमात्र ध्यान इस विशाल परियोजना से मिलने वाले वित्तीय लाभ पर है।
गाजा, एक रियल एस्टेट दृष्टिकोण
यह दस्तावेज अपने नैतिक मूल्य के कारण ध्यान देने योग्य नहीं है लेकिन यह दर्शाता है कि कैसे वित्तीय पूंजीवाद अब सामाजिक जीवन के व्याकरण को निर्धारित करता है।
ट्रंप की ‘‘शांति परियोजना’’ वैश्वीकरण के व्यावसायिक शांतिवाद की जगह रोमन-प्रेरित ‘पैक्स इम्पीरियलिस’ को स्थापित करती है: पहले विध्वंस, फिर लाभ।
यह मॉडल, कुशनर के खाड़ी क्षेत्र के रियल एस्टेट सौदों की याद दिलाता है, जो गाजा को एक भू-राजनीतिक और शहरी पुनर्विकास स्थल के रूप में देखता है, न कि एक आबाद जगह के रूप में। इसलिए बुनियादी ढांचे और शहरी डिज़ाइन पर ज़ोर दिया गया है: ‘एक्सेल स्प्रेडशीट’, अपेक्षित रिटर्न और ‘कॉर्पोरेट मार्केटिंग’ के ढर्रे पर आधारित विकास।
गाजा को अब एक शहर या क्षेत्र के रूप में नहीं, बल्कि इज़राइल, सऊदी अरब और भूमध्य सागर को जोड़ने वाले एक रसद केंद्र, एक वैश्विक शुल्क-मुक्त गलियारे के रूप में देखा जाता है। यह योजना बताती है कि सऊदी-इज़राइल के बीच संबंध आम धारणा से कहीं ज़्यादा मज़बूत हैं, कम से कम वाशिंगटन के नज़रिए से तो यही कहा जा सकता है।
सऊदी अरब और हिंद महासागर से तेल और दुर्लभ मृदा खनिज, स्वेज नहर से गुजरे बिना भूमध्य सागर तक पहुंच जाएंगे और इसकी गारंटी फलस्तीनियों के समर्थन से बनाए गए रणनीतिक गठबंधन द्वारा दी गई है।
सबसे गंभीर अनुपस्थिति
‘‘रिवेरा’’ परियोजना के ब्रॉशर में गाजा के निवासियों को केवल एक अवशिष्ट श्रेणी के रूप में दिखाया गया है, जिसे एक जनसांख्यिकीय बाधा या ईरानी मोहरे के रूप में देखा जाता है। बीस लाख निवासियों को इतिहास से मिटा दिया गया है और उनकी जगह एक ऐसी कहानी गढ़ी गई है जहां "इतिहास के खलनायक" इतने बुरे हैं कि उन्हें कोई अधिकार नहीं मिलता। और हमास का उल्लेख केवल एक आपराधिक संगठन के रूप में किया गया है, बिना किसी राजनीतिक कारण के।
योजना यह मानकर चलाई जा रही है कि एक-चौथाई आबादी कहीं और शरण ले और अगर आर्थिक प्रोत्साहन दिए जाएं तो यह संख्या और भी ज़्यादा हो जाएगी। गणित चौंकाने वाला है: हर प्रस्थान का मूल्य 23,000 डॉलर के बराबर है।
संपत्ति का मुआवज़ा उसके वर्तमान मूल्य पर आधारित होता है जो लगभग शून्य है, जबकि नए आवास का मूल्यांकन तेल अवीव की कीमतों पर किया जाता है, जो लगभग सभी गाजावासियों के लिए वहन करने योग्य नहीं है।
एआई-जनित दृश्यों में निवासी गायब हो गए हैं, उनकी जगह सफ़ेद वस्त्र और केफ़ियेह पहने निवेशक, शानदार टेस्ला कारों से निकल रहे हैं।
एक तबाह ज़मीन
रोमन ज़्यादा ईमानदार थे। जैसा कि टैसिटस ने ब्रिटेन की विजय के बारे में लिखा था: "वे एक रेगिस्तान बनाते हैं और उसे शांति कहते हैं।" यहां भी यही तर्क लागू होता है, संबंधित लोगों की आवाज़ सुनने का दिखावा भी नहीं करना।
दो वर्षों के व्यवस्थित विनाश के बाद गाजा का मूल ढांचा, इसका इतिहास, इसकी स्थलाकृति और यहां तक कि इसकी भूमि रजिस्ट्री भी मिट गई है; रेगिस्तान से समुद्र तक फैले इसके 365 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में, इसका जनसंख्या घनत्व तेल अवीव से 50 प्रतिशत अधिक है।
क्षति भयावह है: 6.10 करोड़ टन मलबा, 78 प्रतिशत इमारतें नष्ट या क्षतिग्रस्त, आधे अस्पताल सेवा से बाहर, तथा केवल 1.5 प्रतिशत भूमि ही 20 लाख निवासियों के लिए कृषि योग्य बची है।
इस सफाई कार्य के लिए लगभग 18 अरब डॉलर, हजारों मशीनों, हजारों महीनों के काम, मोबाइल प्रसंस्करण इकाइयों और विशेष लैंडफिल की आवश्यकता होगी।
आर्थिक मृगतृष्णा
अकाल और मानवीय संकट से निपटने के बजाय, यह योजना ‘‘मिडिल ईस्टर्न रिवेरा’’ के वादे का आह्वान करती है, जो ट्रंप को प्रिय है। इसका लक्ष्य 10 वर्षों के भीतर गाजा की अचल संपत्ति का मूल्य 300 अरब डॉलर तक बढ़ाना है, जिसमें 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश शामिल है। नियंत्रण और सुरक्षा सैन्य हाथों में रहेगी।
‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ एक ट्रस्ट बन जाएगा, जिसे इस क्षेत्र का प्रशासन करने का काम सौंपा जाएगा "जब तक कि एक सुधरा हुआ और कट्टरपंथ से मुक्त फलस्तीनी समुदाय तैयार नहीं हो जाता"।
(द कन्वरसेशन)
शोभना